मित्रों!
पिछले दिनों इस तरह की अनेक शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि कुछ पोस्टें अनेक ब्लागों पर मामूली समय के अंतराल से अलग-अलग शीर्षकों से प्रकाशित की जाती हैं। कभी कभी तो उन के शीर्षक तक नहीं बदले जाते हैं। इस से संकलक के मुख पृष्ठ पर स्थान कम रहता है और कम से कम एक ब्लाग पोस्ट को मुखपृष्ठ से हटने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। यह खामियाजा कभी न कभी सभी ब्लागरों को उठाना होता है। एक ही पोस्ट अनेक बार मुखपृष्ठ पर दिखाई देने से संकलक के पृष्ठ का सौंदर्य भी नष्ट होता है। कई बार एक ही ब्लागर ने अनेक ब्लाग बनाए होते हैं और वह उन सब या कुछ ब्लागों पर मामूली अंतराल के साथ पोस्टें डालता है। इस से संकलक के मुख पृष्ठ पर एक ही व्यक्ति का प्रोफाइल चित्र अनेक बार दिखाई देता है, इससे संकलक के मुख पृष्ठ के सौंदर्य में तो कमी लाता ही है साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे अन्य उपयोगकर्ताओं के अधिकार का हनन भी होता है। यह भी शिकायत थी कि कुछ ब्लागों पर गाली-गलौच का प्रयोग होता है, यह प्रयोग कभी पोस्ट में तो कभी टिप्पणियों में होता है।
हमारीवाणी संकलक ने इन शिकायतों के संबंध में कार्यवाही की और कुछ पोस्टों को, तो कुछ ब्लागों को हमारीवाणी से हटाना पड़ा। आज भी एक शिकायत प्राप्त हुई है कि एक ही पोस्ट शीर्षक बदल कर दो ब्लागों पर प्रकाशित की गई है। यह दोनों पोस्टें संकलकों पर एक के पीछे दूसरी दिखाई दे रही है। लेकिन उस के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई है। हमारीवाणी फैसला लेने से पूर्व धर्म, लिंग और प्रभाव देखती है। शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान प्रकट नहीं की है। लेकिन शिकायत सही पाई गई है और कार्यवाही करना आवश्यक समझा गया है।
हमारीवाणी ने सम्बन्धित ब्लागर को सूचित किया है कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। उसे यह भी कहा गया है कि वह इस पर खेद व्यक्त करे और भविष्य में ऐसा न करने का वचन दे तो उस की दोनों में से एक पोस्ट को संकलक से हटा दिया जाएगा। लेकिन यदि वह भविष्य में ऐसा नहीं करने का वचन दे कर भी ऐसा करता है या खेद व्यक्त करने के साथ ऐसा वचन नहीं देता है। उस ब्लागर के दोनों ब्लागों को संकलक से हटा दिया जाएगा। वर्तमान में ऐसी शिकायतें कम हैं, इस कारण से हम ब्लागरों को सूचित कर के कार्यवाही कर रहे हैं। लेकिन शिकायतें अधिक होने पर ब्लागरों को सूचित करना संभव नहीं हो सकेगा और यह हो सकता है कि हमारीवाणी को ब्लागर को सूचित किए बिना ही यह कार्यवाही करनी पड़े।
शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान छुपाई है, लेकिन हम जानते हैं कि यह शिकायत किस ने की है। यह तो उन्हों ने अपनी शिकायत में ही प्रकट किया है कि वे हमारीवाणी की कार्यवाही के भुक्तभोगी हैं। हमारा उन से कहना है कि हमारीवाणी संकलक किसी भी तरह का निर्णय लेने में किसी ब्लागर के साथ कोई भेदभाव नहीं करता, लेकिन इस पर अवश्य विचार करता है कि भारतीय ब्लागरी का हित किस में है, वह यह भी देखता है कि संकलक को ब्लागरों के बहुमत की अपेक्षाओं के अनुरूप विकसित किया जाए और उस का सौंदर्य बना रहे।
वर्तमान में हिन्दी ब्लागरी को अच्छे संकलकों की आवश्यकता है। हमारीवाणी ब्लागरों की आकांक्षाओं के अनुरूप उसे विकसित करने को प्रतिबद्ध है। सभी ब्लागरों को इस काम में हमारीवाणी संकलक को सहयोग करना चाहिए। सभी ब्लागरों से हमारा आग्रह है कि वे हमारीवाणी को सहयोग करें।
हमारी वाणी सभी ब्लॉगरों को लेवल प्लेइंग फील्ड देने में विश्वास रखता है...इसलिए सभी ब्लॉगरों को भी इसकी शुचिता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सहयोग देना चाहिए...आशा है जो ब्लॉगर एक ही पोस्ट को अलग-अलग ब्लॉग पर लगाते हैं, वो दूसरे ब्लॉगरों को समान मौका देने के सिद्धांत को चोट पहुंचाते हैं...हमारी वाणी का बिना किसी भेदभाव तत्काल कार्रवाई करना सराहनीय है...लेकिन यहां ये भी ध्यान रखना चाहिए कि हमारी वाणी के लिए हर वक्त मैग्नीफाइंग ग्लास लेकर सभी ब्लॉगरों की पोस्ट पर नज़र रख पाना भी संभव नहीं है...इसलिए अगर कहीं कुछ गलत दिखता है तो तत्काल हमारी वाणी को सूचित किया जाना चाहिए...मैं हमारी वाणी के मार्गदर्शक मंडल के सभी सदस्यों की ओर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि यहां जो फैसला किया जाता है वो सिर्फ ब्लॉगिंग के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखकर और पूर्णत पारदर्शी ढंग से लिया जाता है...कभी मार्गदर्शक मंडल में किसी सदस्य की राय विपरीत होती है तो बहुमत के आधार पर नतीज़े पर पहुंचा जाता है....हमारी वाणी अपनी इन सेवाओं के लिए न तो कोई शुल्क ले रहा है और न ही किसी अन्य माध्यम से इसकी कमाई हो रही है...ऐसे में सभी ब्लॉगरों से पुन निवेदन है कि इसे अपना ही मंच समझ कर इसे सुचारू रूप से चलते रहने में सहयोग दें...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
prasansniya kadam....
जवाब देंहटाएंpranam.
खुशदीप भाई की बातों से पूर्णत: सहमत हूँ... लेकिन अगर कोई भूल से एक पोस्ट को दो ब्लॉग पर डाल देता है, तो यह ज़रूरी नहीं की कार्यवाही की ही जाए. कार्यवाही तो सुविधाओं के जानबूझ कर दुरपयोग पर ही होती है और होनी भी चाहिए. पहले भी जो कार्यवाही की गई है वह भी सुविधाओं के लगातार दुरपयोग के कारण ही की गई है.
जवाब देंहटाएंहमारीवाणी के मुख्य प्रष्ट पर "आपकी राय" नाम से कॉलम बनाया हुआ है, सभी ब्लॉग लेखकों से निवेदन है कि कृपया किसी भी तरह की शिकायत / सुझाव / प्रश्न को उसी कॉलम पर क्लिक करके हमें भेजें. ईमेल से भेजी गई शिकायत / सुझाव / प्रश्न पर भविष्य में ध्यान नहीं दिया जाएगा.
जवाब देंहटाएंयदि कोई सुविधाओ का लगातार दुरुपयोग कर रहा हो तो कार्यवाही जरूर होनी चाहिए
जवाब देंहटाएंआपने कहा है की "ब्लागर के दोनों ब्लागों को संकलक से हटा दिया जाएगा"
परंतु यदि इनमे से एक समूहिक ब्लॉग हो तो क्या किसी समूहिक ब्लॉग पर कार्यवाही करना उचित है जबकि ज़िम्मेदारी लेखक की होती है की वो यदि किसी समूहिक ब्लॉग का सदस्य है तो वो कोई भी पोस्ट एक साथ दोनों ब्लॉग पर न डाले .....
खुशदीप भाई की बातों से सहमत हूँ कि
जवाब देंहटाएंब्लॉगर एक ही पोस्ट को अलग-अलग ब्लॉग पर लगाते हैं, वो दूसरे ब्लॉगरों को समान मौका देने के सिद्धांत को चोट पहुंचाते हैं...हमारी वाणी का बिना किसी भेदभाव तत्काल कार्रवाई करना सराहनीय है...
मेरे समझ से ऐसी गलतियाँ बार-बार सामूहिक ब्लॉग्स पर ही हो रही है , अमूमन एक ही पोस्ट कुछ सेकेण्ड के अंतर में प्रकाशित होती रहती है, ऐसा नहीं होना चाहिए ! जहां तक कार्यवाही का प्रश्न है तो शिकायतकर्ता नामी हो बेमानी, हमारीवाणी को सभी शिकायतों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करना चाहिए तभी हमारीवाणी की विश्वसनीयता कायम रह पाएगी ! कुछ सही निर्णय के लिए कठोर होना आवश्यक होता है, इसी में समूह का हित भी निहित है और हिंदी ब्लौगिंग का भी !
गजेन्द्र जी ने सही कहा है कि "समूहिक ब्लॉग पर कार्यवाही करना उचित है जबकि ज़िम्मेदारी लेखक की होती है की वो यदि किसी समूहिक ब्लॉग का सदस्य है तो वो कोई भी पोस्ट एक साथ दोनों ब्लॉग पर न डाले .....!"
जवाब देंहटाएं*** संकलक हमारी ही सहायता करते हैं। हमें इनकी सहायता करनी चाहिए।
जवाब देंहटाएंमनोज पाण्डेय जी तथा HAKEEM YUNUS KHAN जी, अगर आपको किसी भी प्रकार की शिकायत है तो कृपया आप लोगो के लिए बनाए गए 'आपकी राय' पर क्लिक करके हमें भेज सकते हैं, आपके प्रश्न / शिकायत का जवाब अवश्य दिया जाएगा. इस मंच पर किसी के ऊपर व्यक्तिगत आक्षेप लगाना उचित नहीं है, जिस कारण आपकी टिपण्णी समाप्त की जा रही है.
जवाब देंहटाएंहमारीवाणी एक मुफ्त सुविधा है और सभी ब्लोगर को इसका सही इस्तेमाल करना चाहिए. आप कितनी भी पोस्ट कहीं भी डाले यह आपका अधिकार है लेकिन हमारीवाणी पे एक ही लेख़ को एक ही समय मैं कई बार पहुँचाना कहां तक सही है? यदि सभी इस बात को समझ लें तो शायद किसी कानून कि आवश्यकता ही नहीं पड़े. हमारीवाणी अधिक से अधिक लेख़ सभी तक पहुँचाने मैं विशवास रखती है. केवल जो ब्लोगर दूसरों के अधिकार का हनन करने मैं विश्वास रखता है, उसके अधिकार हमारीवाणी पे कम हो सकते हैं.
जवाब देंहटाएंआप हमारी सहायता करें हम आप कि पोस्ट को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने मैं सहायता करेंगे.
किसी की टिपण्णी हटाने से सच नहीं मर जाता, जो सच है वह है ......हमारी वाणी इसके लिए चाहे तो मेरे दूसरे ब्लॉग मंगलायतन पर भी प्रतिबन्ध लगा सकती है और उसके लिए वह स्वतंत्र है, अंधेर नगरी चौपट राजा !
जवाब देंहटाएंआपने दो जगह कहा है कि
जवाब देंहटाएं1. शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान प्रकट नहीं की है।
2. शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान छुपाई है।
यह अफ़वाह क्यों फैलाई जा रही है ?
यह शिकायत जिस ईमेल द्वारा भेजी गई थी उसमें शिकायतकर्ता का नाम ही नहीं बल्कि उसकी जाति तक साफ़ साफ़ लिखी हुई है। सुबह को शिकायत भेजने के बाद जब उसे कोई रेप्लाई नहीं मिला तो उसने इसका ज़िक्र ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर भी किया है।
वर्चुअल दुनिया में हक़ ए इज़्हारे राय की आज़ादी के लिए लड़ने वाला अनवर जमाल कभी छिप के शिकायत नहीं किया करता। वह आँखों में आँखें डालकर शिकायत करता है।
ताज्जुब है कि ‘मार्गदर्शक‘ को नज़र ही नहीं आया कि शिकायतकर्ता का नाम क्या है ?
जबकि सारा ब्लॉग जगत शिकायतकर्ता को भी जानता है और इस बात को भी कि उसकी शिकायत का अंजाम होना क्या है ?
क्योंकि आप खुद कह रहे हैं कि ‘संकलक को बलॉगरों के ‘‘बहुमत‘‘ की अपेक्षाओं के अनुरूप रखा जाता है।‘
पहले तो हमारीवाणी को सुधारें । एक दिन आता है , फिर गायब हो जाता है ।
जवाब देंहटाएंवैसे अब बस हमारीवाणी का ही आसरा है ।
हमारीवाणी पर कोई भी पोस्ट दो या तीन बार प्रकाशित होने से क्या फर्क पड जाता है
जवाब देंहटाएंये तो साफ साफ दादागिरी है संचालको की
यदि मुझसे पूछा जाये, तो यह निताँत गलत है । कार्यवाही में केवल दो ही विकल्प हैं, चेतावनी और निष्काषन !
जवाब देंहटाएंअधिक जिरहबाजी से तकरार बढ़ेगी, गुट बनेंगे, षड़यँत्र का शोरबा उबाला जायेगा... और हमारे बने बनाये मावे पर उड़ेल दिया जायेगा ।
सीधा विकल्प है.. चेतावनी चस्पॉ कर दिजीये... और इसे तोड़ने वाले को बिना नोटिस निष्काषित कर दिजीये । साथ ही साइडबार में निष्काषित हिन्दीसेवी का नाम और दोनों आलेख के लिंक दे दिये जाये । चेतावनी में इस आशय की घोषणा अवश्य रहे, कि ऎसा किया जायेगा.. वरना कतिपय हिन्दीसुत यह बिसूर सकते हैं कि उन्हें सूचना नहीं थी, उनका सार्वजनिक अपमान हुआ है इत्यादि.. इत्यादि ! मुरव्वत में कितने सनम मारे जा चुके हैं किसी से छिपा है क्या ? आप विमर्श करिये अपीलें जारी करिये किन्तु बिना कड़ाई के कुछ होना जाना नहीं है..
मेरा सुझाव लँठ-छाप लग सकता है.. तो प्रिय मित्रों लँठ-छाप लोग ही ऎसी हरकतें भी कर रहें हैं ।
:(
टिप्पणी मॉडरेशन सक्षम किया हुआ है.
इस पर पहले ध्यान नहीं दिया था !
सभी टिप्पणियाँ ब्लॉग लेखक के द्वारा अनुमोदित की जानी चाहिए.
यह तो एक प्रकार से इँजिनियर्ड डिबेट हो गया । असभ्य अशालीन भाषा की टिप्पणियाँ हटाने का विकल्प तो मौज़ूद ही है । आक्षेपपूर्ण टिप्पणियों को भी पूर्ण्रूपेण प्रतिबन्धित करना उचित नहीं !
अरे भाई,
जवाब देंहटाएंआप लोग सीधे क्यों नहीं कहते कि आपसे संकलक चलाते नहीं बन रहा है। ही ही ......
यही होता है जब कौवा हंस की चाल चलने की कोशिश करता है।
जय हिंद
मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि वेबजह इस मामले को मुझे तूल नहीं देना चाहिए था, यदि थोड़ी भी मुझे भनक हो जाती कि इस मुद्दे को राजनीतिक रूप दे दिया जाएगा तो मैं यह वक्तव्य कदापि नहीं देता .......इससे कई वरिष्ठ चिट्ठाकारों की भावनाएं आहत हुई है , जिसका मुझे खेद है !
जवाब देंहटाएंकई वरिष्ठ ब्लोगरों ने मुझे मेल करके अपनी आपत्ति व्यक्त की है , इसलिए इससे संदर्भित पोस्ट मैंने मंगलायतन से भी वापस ले लिया है , क्योंकि मेरा मानना है कि यह संकलक के ऊपर है कि वह किसे स्थान दे किसे न दे ! अपना ब्लॉग और ब्लॉग प्रहरी जैसे कई एग्रीगेटर जब निष्पक्ष रूप से सेवा प्रदान कर रहे हैं तो हमारी वाणी को क्यों कोसा जाए !
इस प्रकार के विवाद में न ही पड़ें तो ज्यादा अच्छा रहेगा!
जवाब देंहटाएं--
टिप्पणीकर्ताओं में बहुत से ऐसे हैं जिनकी पोस्ट हूबहू कई ब्लॉगों पर सजाई जाती हैं!
मगर आपकी हाँ में हाँ मिला रहे हैं!
संकलक प्रसारम का सशक्त माध्यम है!
इसी को ध्यान में रखिए!
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टीम इण्डिया ने 28 साल बाद क्रिकेट विश्व कप जीतनें का सपना साकार किया है।
एक प्रबुद्ध पाठक के नाते आपको, समस्त भारतवासियों और भारतीय क्रिकेट टीम को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूँ।
ohh
जवाब देंहटाएंmahatvpurn jankari...aabhar
जवाब देंहटाएंहर वो भारतवासी जो भी भ्रष्टाचार से दुखी है, वो देश की आन-बान-शान के लिए समाजसेवी श्री अन्ना हजारे की मांग "जन लोकपाल बिल" का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. यह श्री हजारे की लड़ाई नहीं है बल्कि हर उस नागरिक की लड़ाई है जिसने भारत माता की धरती पर जन्म लिया है.पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचारियों के मुंह पर तमाचा, जन लोकपाल बिल पास हुआ हमारा.
जवाब देंहटाएंबजा दिया क्रांति बिगुल, दे दी अपनी आहुति अब देश और श्री अन्ना हजारे की जीत पर योगदान करें आज बगैर ध्रूमपान और शराब का सेवन करें ही हर घर में खुशियाँ मनाये, अपने-अपने घर में तेल,घी का दीपक जलाकर या एक मोमबती जलाकर जीत का जश्न मनाये. जो भी व्यक्ति समर्थ हो वो कम से कम 11 व्यक्तिओं को भोजन करवाएं या कुछ व्यक्ति एकत्रित होकर देश की जीत में योगदान करने के उद्देश्य से प्रसाद रूपी अन्न का वितरण करें.
महत्वपूर्ण सूचना:-अब भी समाजसेवी श्री अन्ना हजारे का समर्थन करने हेतु 022-61550789 पर स्वंय भी मिस्ड कॉल करें और अपने दोस्तों को भी करने के लिए कहे. पत्रकार-रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना हैं ज़ोर कितना बाजू-ऐ-कातिल में है.
देश और समाजहित में देशवासियों/पाठकों/ब्लागरों के नाम संदेश:-
जवाब देंहटाएंमुझे समझ नहीं आता आखिर क्यों यहाँ ब्लॉग पर एक दूसरे के धर्म को नीचा दिखाना चाहते हैं? पता नहीं कहाँ से इतना वक्त निकाल लेते हैं ऐसे व्यक्ति. एक भी इंसान यह कहीं पर भी या किसी भी धर्म में यह लिखा हुआ दिखा दें कि-हमें आपस में बैर करना चाहिए. फिर क्यों यह धर्मों की लड़ाई में वक्त ख़राब करते हैं. हम में और स्वार्थी राजनीतिकों में क्या फर्क रह जायेगा. धर्मों की लड़ाई लड़ने वालों से सिर्फ एक बात पूछना चाहता हूँ. क्या उन्होंने जितना वक्त यहाँ लड़ाई में खर्च किया है उसका आधा वक्त किसी की निस्वार्थ भावना से मदद करने में खर्च किया है. जैसे-किसी का शिकायती पत्र लिखना, पहचान पत्र का फॉर्म भरना, अंग्रेजी के पत्र का अनुवाद करना आदि . अगर आप में कोई यह कहता है कि-हमारे पास कभी कोई आया ही नहीं. तब आपने आज तक कुछ किया नहीं होगा. इसलिए कोई आता ही नहीं. मेरे पास तो लोगों की लाईन लगी रहती हैं. अगर कोई निस्वार्थ सेवा करना चाहता हैं. तब आप अपना नाम, पता और फ़ोन नं. मुझे ईमेल कर दें और सेवा करने में कौन-सा समय और कितना समय दे सकते हैं लिखकर भेज दें. मैं आपके पास ही के क्षेत्र के लोग मदद प्राप्त करने के लिए भेज देता हूँ. दोस्तों, यह भारत देश हमारा है और साबित कर दो कि-हमने भारत देश की ऐसी धरती पर जन्म लिया है. जहाँ "इंसानियत" से बढ़कर कोई "धर्म" नहीं है और देश की सेवा से बढ़कर कोई बड़ा धर्म नहीं हैं. क्या हम ब्लोगिंग करने के बहाने द्वेष भावना को नहीं बढ़ा रहे हैं? क्यों नहीं आप सभी व्यक्ति अपने किसी ब्लॉगर मित्र की ओर मदद का हाथ बढ़ाते हैं और किसी को आपकी कोई जरूरत (किसी मोड़ पर) तो नहीं है? कहाँ गुम या खोती जा रही हैं हमारी नैतिकता?
मेरे बारे में एक वेबसाइट को अपनी जन्मतिथि, समय और स्थान भेजने के बाद यह कहना है कि- आप अपने पिछले जन्म में एक थिएटर कलाकार थे. आप कला के लिए जुनून अपने विचारों में स्वतंत्र है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं. यह पता नहीं कितना सच है, मगर अंजाने में हुई किसी प्रकार की गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ. अब देखते हैं मुझे मेरी गलती का कितने व्यक्ति अहसास करते हैं और मुझे "क्षमादान" देते हैं.
आपका अपना नाचीज़ दोस्त रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
hamaaree vanee me dee gayee jankariyan naye blogers ke lie bhee mulyvaan hain aur aacharsanhita ka kary karengee.dhanyvaad
जवाब देंहटाएंhttp://www.blogger.com/img/blank.gifआपकी उद्यम शीलता को नमन ..कृपया यहाँ भी कृतार्थ करें .http://veerubhai1947.blogspot.com/‘
जवाब देंहटाएंhttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/http:// http://sb.samwaad.com-